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मुंबई7 घंटे पहले
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राज्य के महिला एवं बाल विकास विभाग ने अब तक एड्स नियंत्रण सोसाइटी की मदद से मुंबई में 5,600 सेक्स वर्कर्स और उनके 1,592 बच्चों की सूची तैयार की है।
लॉकडाउन की वजह से आर्थिक तंगी झेलने वाली सेक्स वर्कर्स को राहत देने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने उनके राशन कार्ड बनवाने का फैसला लिया है। इसके तहत 5,600 सेक्स वर्कर्स को हर महीने 5 हजार रुपए और 5 किलो राशन देने का फैसला किया गया है।
महाराष्ट्र ऐसा पहला राज्य बन गया है, जहां सेक्स वर्कर्स के लिए यह सुविधा होगी। एक NGO के सर्वे में यह बात सामने आई कि सेक्स वर्कर्स के एक बड़े हिस्से के पास राशन कार्ड, आधार कार्ड या बैंक खाता नहीं है। इसके बाद बताया गया कि हर किसी को 3 किलो गेहूं और 2 किलो चावल के साथ ही हर महीने 5,000 रुपये भी मिलेंगे। साथ ही स्कूल जाने वाले बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा का समर्थन करने के लिए हर महीने 2,500 रुपये मिलेंगे।
एक NGO ने किया था सुप्रीम कोर्ट का रुख
मुंबई के दरबार महिला समन्वय समिति के मुताबिक, लॉकडाउन की वजह से मुंबई में इस व्यवसाय से जुड़े लोगों के जीवन पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। कई लोग दाने-दाने को मोहताज हो गए हैं। इसके बाद समिति ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। एक याचिका में कहा गया कि इस समुदाय के लोगों को भोजन और रहने की कमी के साथ-साथ आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।
5,600 सेक्स वर्कर्स और उनके 1,592 बच्चों की सूची तैयार
29 सितंबर को SC ने सभी राज्यों को पहचान के प्रमाण पर जोर दिए बिना यौनकर्मियों को ड्राइ राशन देने का निर्देश दिया था। अदालत ने राज्यों से कहा कि वे न केवल उन यौनकर्मियों को राशन प्रदान करें, जिन्होंने इसके लिए एप्रोच किया था बल्कि, ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं। राज्य के महिला एवं बाल विकास (WCD) विभाग ने अब तक मुंबई जिला एड्स नियंत्रण सोसाइटी (MDACS) की मदद से मुंबई में 5,600 और उनके 1,592 बच्चों की सूची तैयार की है।