नई दिल्ली, 2 नवंबर (आईएएनएस)। देश के प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों में चालू शुगर सीजन में 70 से ज्यादा चीनी मिलों में गन्ने की पेराई शुरू हो चुकी है और बाकी मिलें भी दिवाली के बाद चालू होने वाली हैं। सीजन की शुरूआत हालांकि एक अक्टूबर से ही हो जाती है, लेकिन मानसून की वापसी के समय देश के पश्चिमी हिस्सों में हुई बारिश के कारण गन्ने की कटाई में कठिनाई होने के कारण पेराई शुरू होने में विलंब हुआ है।
चीनी उद्योग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एक नवंबर तक उत्तर प्रदेश में करीब 17-18 चीनी मिलों ने अपना ऑपरेशन शुरू कर दिया था, जबकि महाराष्ट्र में करीब 20 मिलों और कर्नाटक में भी तकरीबन 20 चीनी मिलों का ऑपरेशन शुरू हो गया है। वहीं, गुजरात में करीब सात-आठ मिलें चालू हो गईं। साथ ही, तमिलनाडु में भी कुछ चीनी मिलों का ऑपरेशन शुरू हो चुका है।
दरअसल, बारिश के बाद खेतों में पानी होने से महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक में गन्ने की कटाई में विलंब हुआ है। हालांकि, उद्योग के जानकार बताते हैं कि पिछले साल की भांति फसल को नुकसान नहीं हुआ है, इसलिए उत्पादन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
उद्योग संगठन नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज (एनएफसीएसएफ) के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवरे ने आईएएनएस को बताया बारिश के चलते गन्ना कटाई में कठिनाई आ रही है, इसलिए महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात में चीनी मिलों के चालू होने में विलंब हुआ है। उन्होंने कहा कि दिवाली के बाद अधिकांश चीनी मिलों में गन्ने की पेराई शुरू हो जाएगी।
निजी चीनी मिलों का शीर्ष संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) द्वारा 19 अक्टूबर को जारी चीनी उत्पादन व विपणन वर्ष 2020-21 (अक्टूबर-सितंबर) के प्रथम अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार, देश में चालू सीजन में चीनी का उत्पादन 310 लाख टन हो सकता है, जबकि ओपनिंग स्टॉक 106.4 लाख टन है।
इस्मा के अनुसार, बीते शुगर सीजन 2019-20 के दौरान बकाया स्टॉक 145.80 लाख टन था और देश में चीनी का उत्पादन 274.2 लाख टन रहा, जबकि सीजन के दौरान घरेलू बिक्री 257 लाख टन हुई और निर्यात 56.5 लाख टन हुआ। इस प्रकार, सीजन के आखिर में 106.4 लाख टन बची रह गई।
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