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नई दिल्ली29 मिनट पहले
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हाल में ही कांग्रेस लीडरशिप से नाराज पार्टी के सीनियर लीडर्स जम्मू में जुटे थे। इनमें आनंद शर्मा (बीच में) भी शामिल थे। -फाइल फोटो
कांग्रेस के सीनियर लीडर आनंद शर्मा ने पश्चिम बंगाल में इंडियन सेकुलर फ्रंट (ISF) के साथ गठबंधन करने पर सवाल उठाया है। उन्होंने सोमवार को कहा कि ऐसा करना कांग्रेस की मूल विचारधारा, गांधीवाद और नेहरू के सेकुलरिज्म के खिलाफ है। आनंद शर्मा की टिप्पणी पर प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम एक राज्य के प्रभारी हैं। बिना किसी अनुमति के अपने दम पर कोई फैसला नहीं लेते। यह फैसला हाईकमान का है।
गठबंधन के नेताओं ने रविवार को कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में बड़ी रैली की थी। इस रैली में कांग्रेस से अधीर रंजन चौधरी शामिल हुए थे। शर्मा ने कहा कि रैली में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष की मौजूदगी शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि पार्टी सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने में सिलेक्टिव नहीं हो सकती। धर्म और रंग की परवाह किए बिना इसे अपनी हर बात में शामिल करना चाहिए।
कांग्रेस ने लेफ्ट और ISF से किया गठजोड़
कांग्रेस बंगाल में ISF के अलावा लेफ्ट के साथ चुनाव मैदान में उतर रही है। कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों के बीच सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है। ISF को 30 सीटें दी गई हैं। इस पर शर्मा ने कहा कि ISF जैसी कट्टरपंथी पार्टी के साथ गठबंधन के मुद्दे पर चर्चा की जानी चाहिए थी और इस फैसले को कांग्रेस वर्किंग कमेटी से अप्रूव कराना चाहिए था। CWC पार्टी से जुड़े फैसले लेने वाली सबसे बड़ी बॉडी है। यही पार्टी के अहम फैसले लेती है। शर्मा CWC के सदस्य और राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता हैं।
पहले कहा था- उम्र ढलने के साथ पार्टी को कमजोर होते नहीं देखना चाहते
पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा उन 23 नेताओं में से हैं, जो कांग्रेस की लीडरशिप पर सवाल उठा चुके हैं। इन नेताओं को G-23 नाम दिया गया है। इस ग्रुप ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लेटर लिखकर पार्टी संगठन में बड़े बदलाव की मांग की थी।
लीडरशिप से नाराज पार्टी के सीनियर लीडर्स हाल में जम्मू में जुटे थे। इस दौरान कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि कांग्रेस कमजोर हो रही है, हम इसे मजबूत करने के लिए इकट्ठे हुए हैं। उन्होंने पार्टी की तरफ से गुलाम नबी आजाद के अनुभव का फायदा न लेने की बात भी कही।
वहीं, आनंद शर्मा ने कहा था कि हम पार्टी की भलाई के लिए आवाज उठा रहे हैं। नई पीढ़ी को पार्टी से कनेक्ट होना चाहिए। हमने कांग्रेस के अच्छे दिन देखे हैं। अब हम अपनी उम्र ढलने के साथ पार्टी को कमजोर होते नहीं देखना चाहते।