
सुप्रीम कोर्ट
महिला वकीलों द्वारा दायर एसएलपी पर अपने रिटेन सबमिशन में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा है कि ज्यूडिशियरी में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाया जाना चाहिए.
- News18Hindi
- Last Updated:
December 2, 2020, 1:16 PM IST
अब इस एसएलपी पर अपने रिटेन सबमिशन में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा है कि ज्यूडिशियरी में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाया जाना चाहिए. इससे यौन हिंसा से जुड़े मामलों में ज्यादा संतुलित और सख्त रास्ता अपनाया जा सकता है.
अब तक कोई CJI महिला नहीं- AG
सबमिशन में वेणुगोपाल ने कहा कि अब तक भारत में कोई भी चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया महिला नहीं रही है. उच्चतम न्यायालय यानी सुप्रीम कोर्ट में 34 न्यायाधीशों की क्षमता है लेकिन सिर्फ 2 ही महिला जज हैं. महान्यायवादी ने यह दलीलें एक आरोपी को राखी बांधने के बाद जमानत देने के आदेश पर दीं.इसी मामले पर बीते महीने 2 नवंबर को हुई सुनवाई में वेणुगोपाल ने राखी बंधवाने और भविष्य में भाई-बहन का रिश्ता कायम रखने की शर्त को ड्रामा करार दिया था.
बता दें मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान 30 वर्षीय विवाहिता से छेड़छाड़ करने के आरोपी की जमानत अर्जी मंजूर करते वक्त अनूठी शर्त लगाते हुए उसे रक्षाबंधन के दिन महिला के घर जाकर उससे राखी बंधवाने का आदेश दिया था. साथ ही, भविष्य में एक भाई की तरह हर हाल में उसकी रक्षा करने का वचन देने और आशीर्वाद लेने को कहा था. हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की महिला वकीलों ने SLP दायर की थी.