पहले विकल्प में ये किया गया है प्रावधान
पहले विकल्प में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों (States and UTs) को उनके जीडीपी के 0.5 फीसदी के बराबर अतिरिक्त कर्ज उपलब्ध कराया जाएगा. ये आत्मनिर्भर पैकेज (Atamnirbhar Package) के तहत 17 मई 2020 से राज्यों के जीडीपी का 2 फीसदी कर्ज के अतिरिक्त होगा. सभी राज्यों की ओर से लिए जाने वाली कर्ज सीमा 1.1 लाख करोड़ रुपये के ऊपर या अतिरिक्त होगी. ये व्यवस्था 23 अक्टूबर से प्रभावी हो गई है. इसके बाद केंद्र सरकार अब तक 24 हजार करोड़ रुपये कर्ज ले चुकी है. केंद्र सरकार इस रकम को पहला विकल्प चुनने वाले राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को दे भी चुकी है.
ये भी पढ़ें- अब डेंगू-चिकनगुनिया जैसी खतरनाक बीमारियों से बचाएगा इंश्योरेंस! IRDA ला रहा है बीमा पॉलिसी, ये होगा फायदा25 राज्यों ने चुना लिया है पहला विकल्प
केंद्र सरकार की ओर से सुझाए गए दो विकल्पों में अधिकतर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने पहले विकल्प को चुना है. पहले विकल्प को चुनने वाले राज्यों में आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, राजस्थान, सिक्किम, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल शामिल हैं. इसके अलावा तीन केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर ने भी पहले विकल्प को चुनने का फ़ैसला किया है.
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राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति की व्यवस्था
मोदी सरकार ने 1 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू करते समय राज्यों को आश्वस्त किया था कि जुलाई 2022 तक केंद्र राज्यों को जीएसटी लागू करने पर टैक्स कलेक्शन में आई गिरावट की भरपाई करेगा. इसमें यह व्यवस्था भी की गई थी कि हर साल 14 फीसदी की राजस्व बढ़ोतरी के आधार पर यह आकलन किया जाएगा.