
दिशा को सोमवार को एक दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया था. (PTI)
दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि (Disha Ravi) की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि यह महज एक ‘टूलकिट’ (Toolkit Case) नहीं था, असली मंसूबा भारत को बदनाम करने और यहां अशांति पैदा करना था. दिशा ने वॉट्सऐप पर हुई चैट मिटा दी थी, वह कानूनी कार्रवाई से वाकिफ थी. इससे यह जाहिर होता है कि ‘टूलकिट’ के पीछे नापाक मंसूबा था.
- News18Hindi
- Last Updated:
February 23, 2021, 3:54 PM IST
अदालत में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि यह महज एक ‘टूलकिट’ नहीं था, असली मंसूबा भारत को बदनाम करने और यहां अशांति पैदा करना था. दिशा ने वॉट्सऐप पर हुई चैट मिटा दी थी, वह कानूनी कार्रवाई से वाकिफ थी. इससे यह जाहिर होता है कि ‘टूलकिट’ के पीछे नापाक मंसूबा था.
शनिवार को हुई सुनवाई में पुलिस ने कहा कि दिशा रवि भारत को बदनाम करने और किसानों के प्रदर्शन की आड़ में अशांति पैदा करने की वैश्विक साजिश के भारतीय चैप्टर का हिस्सा थी. दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में कहा कि एक प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस ने 11 जनवरी को इंडिया गेट और लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फहराने वाले को इनाम देने की घोषणा की थी.
पुलिस के मुताबिक, किसी तरह यह टूलकिट सोशल मीडिया पर लीक हो गया. पब्लिक डोमेन में ये सर्च में था. उसी को हटाने की साजिश बनाई गई और प्रदर्शन किया गया.