
बंगाल के मंत्री फिरहाद हकीम को पहला टीका दिया गया है. (सांकेतिक फोटो (Pixabay)
Covaxin Trials: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने आईसीएमआर-एनआईसीईडी में कोवैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण की बुधवार को शुरुआत की. उन्होंने कोविड-19 महामारी से ‘‘प्रभावी तरीके से निपटने’’ के लिए देश के नेतृत्व की सराहना की.
- News18Hindi
- Last Updated:
December 2, 2020, 7:49 PM IST
कोवैक्सिन भारत में स्वदेशी रूप से विकसित होने वाला पहला कोविड -19 वैक्सीन है. भारत बायोटेक इसे इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के सहयोग से विकसित कर रहा है. कोलकाता के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कॉलरा एंड एंटरिक डिसीज (ICMR-NICED) उन संस्थानों में से एक है, जिन्हें सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन-अप्रूव्ड रेग्युलेटरी ट्रायल के लिए चुना जाता है. परीक्षण 10 राज्यों में लगभग 25 साइटों पर आयोजित किया जाएगा. कुछ जगहों पर ट्रायल शुरू हो गया है.
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एनआईसीईडी के एक अधिकारी ने कहा कि हकीम, जिन्होंने ट्रायल के लिए वॉलंटियर बनने के लिए भी रुचि व्यक्त की थी वह बुधवार को संस्थान के दौरे पर आने वाले थे. उन्होंने कहा, “राज्यपाल ने भी अपनी रुचि व्यक्त की है. लेकिन हमें उसकी उम्र और कोमॉरबिटी पर विचार करना होगा. हम उनके चिकित्सक के संपर्क में हैं.”ट्रायल के लिए 1000 लोगों की है जरूरत
वॉलंटियर बनने के लिए लगभग 350 लोगों ने आवेदन किया है. एनआईसीईडी लगभग 1,000 स्वयंसेवकों की तलाश कर रहा है. संस्थान के 10 किमी के दायरे में रहने वालों को वरीयता मिलेगी क्योंकि उन्हें एक साल तक कड़ी निगरानी रखने की जरूरत है.
एक अन्य अधिकारी ने कहा, “आवेदकों को साक्षात्कार और परीक्षण के लिए एक-एक करके आमंत्रित किया जाएगा. यदि वे पात्र हैं, तो वे वॉलंटियर्स बन सकते हैं.” अधिकारी ने कहा, ”ट्रायल के लिए 1,000 स्वयंसेवकों का नामांकन फरवरी 2021 तक पूरा करना होगा. यह विश्लेषण करने में एक साल लगेगा कि क्या इसमें पर्याप्त सुरक्षात्मक प्रभावकारिता है. छह महीने के बाद अंतरिम विश्लेषण हो सकता है. सरकार अंतिम निर्णय लेगी.”