
नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को अब ट्रांसपोर्टर्स का भी साथ मिल गया है.
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने ऐलान किया है कि देश का ट्रांसपोर्टर (Transporters) एकजुट होकर इन किसान आंदोलन (Farmers’ Protest) का समर्थन करता है. साथ ही धमकी है कि अगर सरकार ने किसानों की मांगें को नहीं मानीं तो उत्तरी भारत से माल ढुलाई ठप कर दी जाएगी.
- News18Hindi
- Last Updated:
December 2, 2020, 6:35 PM IST
किसान आंदोलन से जनजीवन हो रहा है प्रभावित
पंजाब और दिल्ली-हरियाणा सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन से सब्जियों, फलों तथा खाद्यान्नों के साथ-साथ कई जरूरी सामानों का ट्रांसपोर्टेशन बाधित हुआ है. पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर का देश के अन्य हिस्सों से ट्रांसपोर्टेशन पर बुरा असर पड़ा है. इन क्षेत्रों से करीब 65 फीसदी खाद्यान्नों की ढुलाई होती है, जिस पर आंदोलन का सीधा असर पड़ा है. सेब, आलू, प्याज समेत हरी सब्जियों की माल-ढुलाई ठप होने से उत्तर भारत समेत देशभर में महंगाई बढ़ रही है. इसके अलावा दूध और दवाइयों का ट्रांसपोर्टेशन भी प्रभावित हुआ है. ट्रांसपोर्टरों ने धमकी दी है कि केंद्र की मोदी सरकार अगर किसानों की मांगें नहीं मानती है तो महंगाई बढ़ सकती है.
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किसान आंदोलन का ही असर है कि उत्तर भारत समेत पूरे देश में फलों और सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आलू का खुदरा मूल्य 50 रुपये प्रति किलो, प्याज 40-50 रुपये प्रति किलो, टमाटर 40-50 रुपये प्रति किलो और सेब 80-100 रुपये प्रति किलो के भाव पर पहुंच गया है. अगर किसानों का आंदोलन जारी रहा तो आशंका है कि आने वाले दिनों में सब्जियों और फलों के साथ-साथ अनाजों के दाम बेतहाशा बढ़ेंगे.