
जयंतीलाल ननोमा डूंगरपुर के बिलड़ी गांव के रहने वाले थे.
राजस्थान ने अपना होनहार तीरदांज (Archer) खो दिया है. अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज जयंतीलाल ननोमा (Jayantilal Nanoma) की रविवार रात को सड़क दुर्घटना में मौत (Death) हो गई. जयंतीलाल ननोमा ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिताओं में कई गोल्ड और सिल्वर मेडल जीते थे.
सिर में गंभीर चोट लगने से खून ज्यादा बह गया था
पुलिस के अनुसार जंयतीलाल रविवार रात को अपने साथी शिक्षक कांतिलाल के साथ बांसवाड़ा से डूंगरपुर लौटे रहे थे. इसी दौरान सागवाड़ा रोड पर वरदा थाने से आगे निकलते ही पुल के पास उनकी कार अनियंत्रित होकर पलट गई. हादसे में जयंतीलाल के सिर में गंभीर चोट लगने से खून ज्यादा बह गया. सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने जयंतीलाल और कांतिलाल दोनों को स्थानीय निजी अस्पताल में ले जाकर भर्ती करवाया. वहां से जयंतीलाल को उदयपुर के लिए रेफर कर दिया गया. लेकिन उदयपुर पहुंचने से पहले जंयतीलाल की मौत हो गई. जयंतीलाल की मौत की खबर जैसे डूंगरपुर और खेल जगत से जुड़ी हस्तियों तक पंहुची तो वहां शोक की लहर छा गई.
डूंगरपुर जिले के खेल अधिकारी भी थेडूंगरपुर के बिलड़ी गांव में आदिवासी परिवार में जन्मे जयंतीलाल ननोमा बेहतरीन तीरदांज थे. उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिताओं में कई गोल्ड ओर सिल्वर मेडल जीते थे. वे 16 तीरंदाजों की टीम में साउथ अमेरिका के कोलंबिया में आयोजित वर्ल्ड कप तीरंदाजी स्पर्धा में भी शामिल हुए थे. ननोमा डूंगरपुर जिले के खेल अधिकारी भी थे. वे जिले में तीरंदाजी में कई प्रतिभाओं को तराशने का भी काम कर रहे थे.
कई सम्मानों से नवाजे जा चुके थे
अपने सटीक निशाने के बूते ननोमा ने देश के लिए कई मेडल जीते थे. निशानेबाजी के लिए उन्हें कई अवॉर्ड भी मिले हैं. निनोमा अर्जुन अवॉर्ड और महाराणा प्रताप अवॉर्ड से नवाजे गए थे. कोच रहते उन्होंने कई तीरंदाजों को तैयार किया. इसके कारण उन्हें गुरु द्रोणाचार्य अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है. इसके अलावा भी कई संस्थाओं से सम्मानित हो चुके थे.
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